#क्रिस्मस_डे_और_मुसलमान
#क्रिस्मस_डे_और_मुसलमान
मुसलमान हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को नबी और रसूल मानते हैं जबकि ईसाई हज़रत ईसा को खुदा का बेटा मानते हैं।ईसाई धर्म को मानने वालों का अक़ीदा है कि हज़रत ईसा को सूली पर चढ़ा दिया गया।
लेकिन मुसलमानों का अक़ीदा है कि अल्लाह ने हज़रत ईसा को फरिश्ते के ज़रिये आसमान पर ज़िंदा उठा लिया।
मुसलमान हज़रत ईसा को खुदा का बेटा नही मानते इसलिए क्रिस्मस नहीं मनाते।
मुसलमानों का ये भी अकीदा है कि क़यामत के क़रीब हज़रत ईसा फिर से दुनिया में तशरीफ़ लाएंगे और दुनिया से ज़ुल्म का खात्मा करेंगे।
अल्लाह का फ़रमान है:
आप कह दीजिए कि अल्लाह एक है।
अल्लाह बेनियाज़ है।
वो न किसी का बाप है न किसी का बेटा।
और कोई उसके बराबर नहीं है।
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