#नेकी_कैसे_करें ?

#नेकी_कैसे_करें ?

इंसानों में सबसे बेहतर वो है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगोें को फ़ायदा पहुंचे।
जब-जब कोई मुसीबत आती है, समाज से कुछ लोग आगे आकर ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं। अब सवाल ये है कि हम पोशीदा तौर पर लोगों की मदद करें या ज़ाहिर कर के?
हम दोनों तरह से इस नेक काम को अंजाम दे सकते हैं। आफ़त के वक्त में बड़े पैमाने पर लोगों को मदद की ज़रूरत होती है इसलिए अगर  हम अपने सदक़ात को ऐलानिया देंगे तो दूसरे लोगों को भी इससे रग़बत होगी और लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे, शर्त ये है कि हमारी नियत में दिखावा न हो।
अल्लाह  तआला का फ़रमान है -
जो लोग अपना माल रात और दिन पोशीदा और ज़ाहिर करके ( नेक कामों में)  ख़र्च करते हैं उनका बदला परवरदिगार के पास है और उनको क़यामत के दिन न किसी तरह का खौफ़ होगा और न ग़म।
दूसरी जगह अल्लाह का फ़रमान है - 
नेकियों में एक दूसरे पर सबक़त ले जाओ।

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